रविवार, 28 सितंबर 2008

कानों में घंटी बजना एक बीमारी
डॉ. रश्मि सुधा (Webdunia.com)

हमारे कान में एक कोकलिआ नामक अंग होता है जो हमें ध्वनि सुनने में मदद करता है। इस अंग के आस-पास छोटे-छोटे बाल होते हैं जो हमें आवाज़ सुनने में मदद करते हैं। जो लोग सुनने की परेशानी से ग्रसित होते हैं उनमें ये बाल या तो मुड़े हुए होते हैं या फिर नष्ट हो चुके होते हैं।

ये बाल ऑडिटरी सेल्स को चार्ज बनाए रखने में मदद करते हैं। इन सेल्स की वजह से ध्वनि संकेत हमारे दिमाग तक पहुँच पाते हैं।
कानों में घंटी बजती हुई सुनाई देने का भी कारण इन छोटे बालों में परेशानी होना या इनका नष्ट हो जाना ही है।

जो लोग कानों में घंटी बजने की समस्या से ग्रसित होते हैं उन्हें या तो एक या दोनों कानों में घंटी बजती हुई सुनाई देती है। इस बीमारी को टिनिटस भी कहा जाता है। इसमें जब दिमाग उसे मिलने वाले संकेतों को समझ नहीं पाता तो वह अपने द्वारा बनाए गए संकेतों के माध्यम से काम करता है और यही मरीज़ की परेशानी का कारण बनता है।

टिनिटस के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं-
* इसका एक कारण कान में होने वाला संक्रमण हो सकता है जिसकी वजह से कान की हड्डी, ईयरड्रम या फिर मध्य कान में संक्रमण हो सकता है।

* यह समस्या बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के कारण भी हो सकती है। आजकल बहुत से युवा इस बीमारी से ग्रसित हैं और इसका मुख्य कारण है तेज़ आवाज़ में म्यूज़िक सुनना।


* यह बीमारी लगातार तनावग्रस्त रहने से भी हो सकती है।

* जो लोग सायनस या फिर किसी एलर्जी का शिकार हैं उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है। इसका कारण है उनके द्वारा ली जाने वाली दवाइयाँ जो कई बार म्यूकस की सतह को मोटा कर देती हैं।


जो लोग कानों में घंटी बजने की समस्या से ग्रसित होते हैं उन्हें या तो एक या दोनों कानों में घंटी बजती हुई सुनाई देती है। इस बीमारी को टिनिटस भी कहा जाता है...





* सिर या दिमाग में लगने वाली चोट या ट्यूमर भी इस बीमारी को आमंत्रित कर सकते हैं।

* दाँतों की चिकित्सा के दौरान भी यह बीमारी होने का खतरा बना रहता है।

* रेड वाइन, चीज़, चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थों के ज़्यादा सेवन से भी यह बीमारी हो सकती है।

इस रोग से ग्रसित लोगों को कॉफी का सेवन कम करने के साथ-साथ ऐसे पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए जिसमें एस्प्रिन हो। ज़्यादा उम्र के लोगों को हियरिंग एड पहनने की भी सलाह दी जाती है।

शनिवार, 27 सितंबर 2008

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