गुरुवार, 5 अगस्त 2010


बच्चोंका श्वास रोग(asthma in kids)

बच्चॊं का श्वास रोग लड़कियों की आपेक्षा लड़कों मे ज्यादा होता है , शैशवावस्था मे दमे के सारे लक्षण व्यक्त नही होते है । सामन्यतया लोग समझते है की निमोनिया बिगड़ गया है , लेकिन यदि बच्चा बार सांस लेने मे दिक्कत महसुस करता है और कुछ समय के लिये लक्षण ठीक भी हो जाते है परंतु कुछ समय बाद फ़िर वही लक्षण हो जाते हैं । यदि साथ मे बुखार या सर्दी के अन्य लक्षण नही मिलते तो यह समझ लेना चाहिये की बच्चे को शवास रोग है ।

मुख्य लक्षण-- इस रोग मे बालक की छाती से बार बार और अत्यन्त उष्ण साँसे निकलती है । साँसो मे सीटी बजने जैसी आवाज आती है। बच्चे कॊ श्वास छोड़ने मे परेशानी आती है । हंफ़नी सी आने लगती है। कुछ बच्चॊं मे आवेग आने से पहले नाक से काफ़ी मात्रा मे स्राव आने लगता है । कुछ मे कफ़ युक्त खांसी और बुखार भी होता है ।

कारण--- मुख्य रूप से इसके तीन कारण होते है - एलर्जी, संवेगात्मक , और संक्रमण
इन सब का सम्मिलत रुप भी पायाजाता है । एलर्जी की प्रवृति वंशानुगत होती है यह मुख्य रुप से हवा मे मोजुद धुलि कण, धुँआ, परागकण, रोम, महक, और आहार से होती है , मोसम मे आये बदलाव भी एलर्जी का मुख्य कारण होते है ।

आहार विहार व्यवस्था-- आराम अधिक दे, शुद्ध वातारण मे रहें। उष्ण और शीत एक साथ सेवन न करें । संतुलित आहार दें । दुध मे सोंठ डालकर दें । शीतल और बाजार की वस्तुओं से परहेज रखें , दही . लस्सी , चावल, तले हुए मसाले दार आहार से परहेज रखें। बच्चे को खुश रखने का प्रयत्न करते रहें ।

आयुर्वेदिक चिकित्सा योग--
रसोन भुति-- लशुन को जलाकर उसकी राख को मधु मे मिलाकर कई बार सेवन करें ।

हरिद्राप्रयोग-- हल्दी की गाँठो को भुन कर शहद के साथ सेवन ।

शुद्ध फ़टकरी भस्म और शुद्ध टंकण भस्म बराबर मात्रा मे मिलाकर शहद के साथ सेवन करें ।

सरसों के तैल का प्रयोग-- सरसो के तैल मे कुछ कपुर और कुछ सैन्धा नमक डालकर छाती की मालिश करे ( तैल को थोड़ा गरम कर लें)
कनकसाव
दशमुलारिष्ट
गोझरण अर्क
चित्रक हरितकी
मिश्यादि लेह
श्वासान्दा
सेप्टिलिन

8 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी मिली आपके आलेख के माध्यम से।

सादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com

Rohit joshi ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी दी है आभार।

Aruna Kapoor ने कहा…

विस्तृत और उपयुक्त जानकारी दी है आपने...धन्यवाद!

E-Guru _Rajeev_Nandan_Dwivedi ने कहा…

बहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने. एक अत्यन्त ही उपयोगी ब्लॉग सृजित हो रहा है आपके प्रयासों से.
हम सभी को इसका लाभ मिलेगा.
धन्यवाद.

अजय कुमार ने कहा…

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

संगीता पुरी ने कहा…

इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

Unknown ने कहा…

बहुत बढ़िया लिखा है आपने. जाने जीवा आयुर्वेद के बारे में भी .