रविवार, 28 नवंबर 2010

हल्दी का सेवन केंसर के रोगियों में रामबाण

हल्दी का सेवन केंसर के रोगियों में रामबाण सिद्ध हो चुका है .
ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है, क़ि केमोथैरेपी  से अप्रभावित कोशिकाओं  पर हल्दी का अभूतपूर्व प्रभाव देखा गया है.
लेचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हल्दी में पाई जानेवाले रसायन "कर्कुमिन" के प्रभाव का अध्ययन  कोलोरेक्टल केंसर के रोगी में किया था .
डॉ करेन ब्रौंउन ने डेली मेल को जानकारी देते हुए कहा, क़ि  कर्कुमिन उन केंसर  क़ी  कोशिकाओं के विरूध काम करता है ,जो कोशिकाएं केमोथैरेपी के वावजूद बची रह जाती हैं ,तथा बाद बढ़ते हुए विकराल रूप धारण कर लेती हैं.
इससे पूर्व के शोध में यह बात सामने आयी थी क़ी ,हल्दी न केवल केंसर क़ी कोशिकाओं क़ी बृद्धि को रोकता है, अपितु  केमोथैरेपीके प्रभाव को भी बढ़ा देता है.
डॉ करेन ब्रौंउन का कहना है, क़ि इस दिशा में किया गया शोध हल्दी के केंसर में प्रभावों क़ी दिशा में नए राज खोलेगा.

अब एन्जिओग्राफी एवं बायपास को करें बाई बाई

हृदय रोगों से बचाव एवं कोरोनरी आर्टरी की बीमारियों से बचने के टिप्स 
-नीबू का रस- १ कप
-अदरख का रस - १ कप 
लहसुन का रस -१ कप
सेब का रस -१ कप
इन सब को मिला लें ओर धीमी आंच पर १/२ घंटे तक पकाएं
१/२ घंटे के बाद जब यह ३-कप शेष रह जाय तब इसे ठंढा होने दें.ठंडा होने पर ३ कप प्राकृतिक शहद मिलकर बोतल में भर लें.प्रत्येक  सुबह नाश्ते से पहले १ चम्मच नियमित सेवन  करें 
सौजन्य  :
*Prof. Dr. S. Vikineswary
Biotech Division
Institute of Biological Sciences
University of Malaya
50603 Kuala Lumpur
Malaysia

बुधवार, 22 सितंबर 2010

सूर्यनमस्कार

भगवान सूर्य र्हिदयका मित्र है| र्हिदयके स्वास्थ्यकेलिये सूर्यनमस्कार श्रेष्ट व्यायाम है|

 http://ayurveda-foryou.com/yoga/surya_namaskar.html

सोमवार, 9 अगस्त 2010

जुकाम : घरेलू नुस्खे

1. जुकाम होने पर काली मिर्च, गुड़ और दही मिलाकर खाएँ। इससे बंद नाक खुलती है।
2 रोज रात को उबाल-उबाल कर आधा किया हुआ जल गुनगुना कर पीने से जल्दी फायदा होगा।

3 सौंठ, पिप्पली,बेल का गुदा और मुनक्का को एक चौथाई होने तक पानी में उबालें। इसे छानकर उतना ही सरसों का तेल डालकर फिर उबालें। जब पानी हवा में उड़ जाए तब उतारकर ठंडा कर लें। इस मिश्रण की एक बूँद नाक में डालने से जुकाम की लगातार चलने वाली छींकें बंद होगी।

4 दूध में जायफल, अदरक, तथा केसर डालकर खूब उबालें। जब आधा हो जाए तब गुनगुना करके पिएँ। जुकाम में तुरंत राहत मिलेगी।

5 सात-आठ काली मिर्च को घी में तड़का लें और फटाफट खाते जाएँ ऊपर से गर्मागर्म दूध या पानी पिएँ तो जुकाम से लड़ने की शक्ति बढ़ेगी और कफ खुलेगा।

6 पान के रस में लौंग व अदरक का रस मिलाए फिर इसे शहद के साथ पिएँ, जुकाम गायब होगा। 
http://ayurveda-foryou.com/treat/cold.html

भारत में सर्वाधिक डायबिटीज़ के मरीज

 बिश्व में, भारत में सर्वाधिक डायबिटीज़ के मरीज हैं

एक रिसर्च के अनुसार साल 2000 के अनुमान के मुताबिक विश्व में करीब 17 करोड़ डायबिटीज़ के मरीज थे, जिसमे की भारत में करीब 3 करोड़ डायबिटीज़ के मरीज थे जो की सबसे ज्यादा था |
उसी रिसर्च में यह भी अनुमान किया गया है की अगले तीस साल में भी भारत में सबसे अधिक डायबिटीज़ के मरीज रहेगा| अनुमान के अनुसार साल 2030 में विश्व में करीब 36 करोड़ डायबिटीज़ के मरीज होंगे, जिसमे की भारत में करीब 8 करोड़ डायबिटीज़ के मरीज होंगे जो की सबसे ज्यादा होगा|
अभी के हाल में भारत में चीन से 1.5 गुणा अधिक, अमेरीका से 2 गुणा अधिक और इंडोनेशिया से ४ गुणा अधिक है| साथ ही २०३० साल तक में भारत में २.५ गुणा अधिक मरीज हो जायेंगे|

गुरुवार, 5 अगस्त 2010


बच्चोंका श्वास रोग(asthma in kids)

बच्चॊं का श्वास रोग लड़कियों की आपेक्षा लड़कों मे ज्यादा होता है , शैशवावस्था मे दमे के सारे लक्षण व्यक्त नही होते है । सामन्यतया लोग समझते है की निमोनिया बिगड़ गया है , लेकिन यदि बच्चा बार सांस लेने मे दिक्कत महसुस करता है और कुछ समय के लिये लक्षण ठीक भी हो जाते है परंतु कुछ समय बाद फ़िर वही लक्षण हो जाते हैं । यदि साथ मे बुखार या सर्दी के अन्य लक्षण नही मिलते तो यह समझ लेना चाहिये की बच्चे को शवास रोग है ।

मुख्य लक्षण-- इस रोग मे बालक की छाती से बार बार और अत्यन्त उष्ण साँसे निकलती है । साँसो मे सीटी बजने जैसी आवाज आती है। बच्चे कॊ श्वास छोड़ने मे परेशानी आती है । हंफ़नी सी आने लगती है। कुछ बच्चॊं मे आवेग आने से पहले नाक से काफ़ी मात्रा मे स्राव आने लगता है । कुछ मे कफ़ युक्त खांसी और बुखार भी होता है ।

कारण--- मुख्य रूप से इसके तीन कारण होते है - एलर्जी, संवेगात्मक , और संक्रमण
इन सब का सम्मिलत रुप भी पायाजाता है । एलर्जी की प्रवृति वंशानुगत होती है यह मुख्य रुप से हवा मे मोजुद धुलि कण, धुँआ, परागकण, रोम, महक, और आहार से होती है , मोसम मे आये बदलाव भी एलर्जी का मुख्य कारण होते है ।

आहार विहार व्यवस्था-- आराम अधिक दे, शुद्ध वातारण मे रहें। उष्ण और शीत एक साथ सेवन न करें । संतुलित आहार दें । दुध मे सोंठ डालकर दें । शीतल और बाजार की वस्तुओं से परहेज रखें , दही . लस्सी , चावल, तले हुए मसाले दार आहार से परहेज रखें। बच्चे को खुश रखने का प्रयत्न करते रहें ।

आयुर्वेदिक चिकित्सा योग--
रसोन भुति-- लशुन को जलाकर उसकी राख को मधु मे मिलाकर कई बार सेवन करें ।

हरिद्राप्रयोग-- हल्दी की गाँठो को भुन कर शहद के साथ सेवन ।

शुद्ध फ़टकरी भस्म और शुद्ध टंकण भस्म बराबर मात्रा मे मिलाकर शहद के साथ सेवन करें ।

सरसों के तैल का प्रयोग-- सरसो के तैल मे कुछ कपुर और कुछ सैन्धा नमक डालकर छाती की मालिश करे ( तैल को थोड़ा गरम कर लें)
कनकसाव
दशमुलारिष्ट
गोझरण अर्क
चित्रक हरितकी
मिश्यादि लेह
श्वासान्दा
सेप्टिलिन