शनिवार, 17 अक्तूबर 2009

दिवाली

इस बार रूप चतुर्दशी और दिवाली का अनोखा संयोग बना है। तिथियों की घट-बढ़ के कारण 17 अक्टूबर को सुबह रूप चौदस और शाम को दीपावली मनेगी। ज्योतिषियों का कहना है कि दोनों पर्व एक साथ होने का संयोग 80 वर्षों बाद बना है। 17 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी है और इसी दिन दोपहर में अमावस्या शुरू हो जाएगी। इसी कारण शाम को महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा। चतुर्दशी के दिन दोपहर में 12 बजकर 27 मिनट से अमावस्या शुरू होगी। इससे पहले तक रूप चौदस मनाई जाएगी। पं. ओम वशिष्ठ के अनुसार दोनों पर्व एक ही दिन हैं। इस तरह का संयोग दुर्लभ है। शनिवार 17 अक्टूबर को दोपहर में अमावस्या शुरू होगी। उन्होंने बताया शनिवार को हस्त नक्षत्र में दीपावली पूजन होगा।

Dipawali

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